एक कहानी ऐसी भी - भाग 1

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आज  बहुत  देर  से  उठा  था  | सायद  रात  की  दारू  उतरी  नहीं  थी  | ओर  सर  भी  भारी  लग  रहा  था   पिछले  कुछ  दिनों  से  उसकी  मुसकेलिया  थम ने  का  नाम  नहीं  ले  रही  थी  | वो  कितना  भी  कुछ  करले  हालत  बद  से  बदतर  होते  जा  रहे  थे  | इसी  के  चलते  उसने  दारू  ओर  सिगरेट  की  लत  भी  लगा ली  थी  |   आज  जब  वो  उठा  तो  बस  यही  दोहराता  रहा  वो  मुजे  मार  डालेगी  |   खैर  ये  बात  अनुज  की  अनुज  मिश्रा  |  जैसा  उसका  नाम  था  वैसा  ही  उसका  रिश्ता  | वो  घर