वाजिद हुसैन की कहानी -प्रेम कथा कश्मीर में फागुन का महीना इंसाफ की तराज़ू की तरह दिन- रात को बराबर तोल देता है - न गर्मी ज़्यादा पड़ती है और न सर्दी।... मैदान के खेतों और गांवों में बसंत-नट रंग-बिरंगे वस्त्र पहने सर्दी के बुढ़ापे व गर्मी के लड़कपन पर खुशियां मनाता है। ... यहां की वादियों में खड़े होकर कोई वसंतागमन की छटा देखें, तो वह मंत्रमुग्ध- सा हो जाए। वृक्षों की हरियाली व कोंपलों से वे सीढ़ियां हरी मखमल से ढकी प्रतीत होती है, मानो ऋतु के स्वागत के लिए ज़मीन से आसमान तक रास्ता बना हो। ठीक