प्रेम डोर - भाग 4 - अंतिम भाग

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मानसी, आनंद से कहती है कि मुझे ऐसा महसूस होता है कि इस हवेली में कुछ तो रहस्य छिपा हुआ है जिसकी जानकारी हमें नही है। आनंद कहता है कि मैं भी काफी समय से वास्तविकता को जानने का प्रयास कर रहा हूँ परंतु पिताजी के वहाँ ना जाने के सख्त निर्देशों के कारण कुछ नही कर पाया फिर जब से व्यापार संभाला तो समय ही नही मिला की इस दिशा में सोच कर कुछ कर सकूँ परंतु अब तुम भी कह रही हो तो मैं प्रयास करूँगा और सच्चाई का पता लगाने का प्रयास करूँगा ? आनंद इस बारे