उस तांत्रिक ने मेरा हाथ पकड़कर उस जलती हुई चिता के पास लेकर गया। मैंने देखा वह चिता कम और हवनकुंड ज्यादा लग रहा था। उसके आस-पास बहुत सी अजीबोगरीब चीजे रखी हुई थी। उसमें से कुछ तो भयानक भी थी जैसे की इंसान की खोपड़ी, खून से भरे प्याले, अलग अलग मिट्टी के बर्तनों में कई पशुओं के अंग भर कर रखे हुए थे। मुझे समझ नहीं आ रहा था की ये सब चल क्या रहा है। मैंने तांत्रिक को पुछने का सोचा लेकिन तांत्रिक ने जैसे मेरी इच्छा भाँप ली। उसने उँगली मुँह पर रखते हुए इशारे से