शीतलता"अरे नई प्रतियोगिता आई है कहानी पटल पर जिसमें लिखना हैं ,तू बता क्या लिखेगी?"रूकमनी ने चिड़िया की तरह चहकते हुये सरोज से पूछा फोन पर "अरे कुछ नही मन नही है मेरा कुछ लिखने को तू लिख लेना "इतना कहकर सरोज ने फोन काट दिया और सोचा "आई बड़ी मुझसे पूछ रही थी फिर मेरे मुंह से निकल जाता ,तो कुछ जोड़कर लिख देती और ईनाम ले जाती ,पाँच बार से जीत रही ,मैं पागल सब बता देती ,अबकी बार नही चलने दूँगी "यह सोच ही रही थी कि उसका बारह साल का बेटा रोते हुए आया और बोला