तमाचा - 40 (बॉर्डर)

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प्रातः की स्वर्णिम वेला में सूर्य ने अपनी किरणों के हस्ताक्षर द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी थी। दूसरी तरफ चंद्रमा अपनी ड्यूटी पूरी कर अपने विश्राम स्थल की ओर जाता प्रतीत हो रहा था। बिंदु का हृदय आज कुछ तेजी सी ही धड़क रहा था। वह बार-बार दरवाजे पर आकर सारिका के घर की ओर देखती और वापस अपने कमरे की ओर आ जाती । सारिका ने उसे बताया था कि आज शरद आने वाला है। इसलिए उसकी उत्कंठा बढ़ गयी थी। विक्रम भी आज बहुत समय पश्चात प्रसन्न दिखाई दे रहा था। सारिका ने उसे बताया कि उसने