प्रेम की सच्ची व्याख्या

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छोटे भाई सोहन से पिता की बीमारी का हाल फोन पर सुनकर मोहन तिलमिला उठा... गला रूंध गया, किसी तरह से इतना ही बोल पाया.... "पिता जी इतने बीमार है और मुझे आज बता रहे हो भाई... कहां इलाज चल रहा है.... "पिता जी ने ही आपको बताने को मना किया था मोहन भैया ... आप बेकार में बहुत परेशान हो जायेंगे... महावीर कैंसर संस्थान में भर्ती कराया था डाक्टरों ने जबाव दे दिया है और घर ले जाने को कहा है....बस दो तीन दिनों के मेहमान है... "तू महान है ‌सोहन.... मैं तो उनके लिए कुछ भी ना कर