प्रेम गली अति साँकरी - 57

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=========== घर पर शीला दीदी, रतनी, जेम्स और एक नया आदमी जिसे मैंने तो कभी नहीं देखा था, सिटिंग-रूम में बैठे हुए थे | आश्चर्य हुआ, अभी तक?मुझे तो लगा था अब तक सब डिस्पर्स हो चुके होंगे |  “हैलो एवरीबड़ी---” मैंने सिटिंग रूम में घुसते ही सबको विश किया |  “हो गया लंच---?” अम्मा की आँखों से उत्सुकता झाँक रही थी |  “आज लंच नहीं, लस्सी पीकर आई हूँ ---” मैंने मुस्कुराते हुए कहा और पूछा; “आप लोगों का हुआ ?” “हम्म, बहुत बढ़िया---महाराज और रमेश ने बहुत बढ़िया खाना खिलाया | ” अरे वाह! अच्छा लगा सुनकर रमेश