यह कहानी भानगढ़ के अभिशप्त किले को आधार बना कर लिखी गई है लेकिन पूर्णतः काल्पनिक है।कहानी-आज चारों परम मित्र फिर 6 महीने बाद summer vacation पर अपने गृह नगर जौधपुर में श्याम रेस्टोरेंट में बैठे हुए आराम से भोजन कर रहे थे, और वार्तालाप तो चालू था ही।बस, जब भी ना वो चारों मिलते हैं तो बस घूमने की प्लानिंग शुरु कर देते हैं।अमित बताओ ना कहां का प्रोग्राम बनायें।संजू ----अलवर, अलवर चलते हैं।आशीष 1 ---बस कितनी बार सोच सोच कर रह ही जाते है,अब चलते ही हैं अलवर।रोहित - हां सुना है अलवर पैलेस बहुत ही खूबसूरत महल