कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 43

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भाग 43 धनकु बहू जो दूध, दही के मीठे ख्यालों में डूब उतरा रही थी, उर्मिला के पुकारने की आवाज से खयालों से बाहर आई। वो झट से बोली, "अरे..भौजी..! ऐ कौन सा बड़ा बात है। हम सब कर लेंगे। तुम रत्ती भर भी चिंता मत करो, निधड़के जाओ। यहीं बगल में ही तो है हमारा घर भी। अब यहां सोएं या वहां सोएं क्या फरक है। पर भौजी जा कहां रही हो…? कहीं शादी ब्याह है क्या..?" उर्मिला बोली, "ना. ना.. शादी ब्याह नही है। ऐसे ही कहीं दर्शन करने जाना है। अभी कुछ पक्का नहीं है। पुरवा के