Part - 43 Memory अवनी अनुज के साथ घर के लिए निकल पड़ती है दोनों घर पहुंचते हैं जैसे ही उसके मां-बाप अनुज को देखते हैं, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं होता, (पवन के पापा अनुज को जाकर गले लगा लेते हैं), पवन के पापा (emotional हो के कहते है -बेटा तू कैसा है? और कहां था इतने दिनों से? (पवन की मां भी आकर उसे गले लगा लेती है और उनका रो रो कर बुरा हाल हो जाता है) माया जी -तेरे लिए मैंने कितने व्रत रखें कितने मंदिरों में गई कि तू सलामत रहे और सही सलामत घर