अभय ने जो सपना देखा था वह बड़ा भयावना था। जग जाने पर भी उसके चेहरे पर डर दिखाई दे रहा था । जहां आग लगी थी उस टेंट मे रात-भर राहत कार्य चलता रहा । कब सुबह हो गयी पता ही नही चला । अभय सुबह की चाय पी रहा है , उसी वक्त एक सैनिक ने आकर सैल्यूट मारकर कहा ..राम राम साहब ! आपको सीओ साहब ने याद किया है । अभय ने सैनिक से कहा ठीक है, आप जाओ मैं अभी जाकर मिल लूूंगा। अभय ने चाय की एक आखिरी घूंट मारी और कप को मेज