सात फेरे हम तेरे - भाग 77

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माया को जिस दिन का इंतजार था वो दिन भी आ गया था। आज माया का रिसेप्शन था।घर में सुबह से सब लोगों का आना जाना लगा हुआ था।नैना ने माया को गले लगाते हुए कहा कि दी आज बरसों बाद तुम्हारा सपना पूरा हो गया।माया ने कहा हां अब मैं चाहती हूं कि तेरा सपना भी पूरा हो जाएं।कुछ देर बाद सागर आ गया और साथ में फुलों का गुलदस्ता लेकर आ गए।ये तुम्हारे लिए है। सागर ने कहा।माया ने कहा वाह क्या बात है थैंक यू।सागर ने कहा तो साली साहिबा को क्या चाहिए?नैना ने कहा मुझे कुछ