अयाची छत पर उन यादो को याद करके हाथ में पकडी हुई तस्वीर पर हाथ फ़ेरने लगा.....काश! मैने तुम्हे पहले हि बता दिया होता तो आज तुम्हॆ देखने के लिये तुम्हे महसूस करने के लिए तस्वीर का सहारा ना लेना पडता l यू अक्श बह चले यू तुम्हे याद करके यू होठ मुस्कुरा दिये तुम्हें देखकर करके यू टूट गया तुम्हें किसी और कि बाहो में देख करके!! या सिर्फ़ आंखों का धोखा था या सच्चाई हि कुछ और हो चली गर कुछ कह दिये होते तो यू मलाल ना होते यू अक्श बह चले यू तुम्हें याद करके यू