जादू जैसा तेरा प्यार - (भाग 09)

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कॉलेज में पूरे तीन बीतने वाले थे, यह समय कैसे बीत गया पता ही न चला.....पढ़ाई,कैरियर,और पॉकेट मनी जुटाने के संघर्ष में जीवन क्या होता है,वह तो जैसे भूल ही गया था मैं। बचपन से कभी रिश्तों को महसूस ही नही किया था,इसलिए रिश्तों के उन अहसासो से अनजान सा हो गया था मैं......कभी सोचने को वक्त ही न मिल सका,खुद के बारे में,खुद से जुड़े हुए लोगो के बारे में ,प्रिया के बारे में...... आज जब प्रिया अहसास दिला के गयी कि वह हद से ज्यादा मुझे समझती है....तब कहीं जा कर उसके साथ बिताए तीन साल अचानक से