इस जन्म के उस पार - 11

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(कहानी को समझने के लिए आगे के भाग जरूर पढ़े )अयंशिका पीछे हट रही थी.. पर उसकी पायल की आवज से सेर उसकी तरफ बढ़ रहा था.. की अचनाक किसी ने उसे खिंच लिया वो चिल्लाने वाली थी की जिसने उसे खिंचा था उसने उसके मुँह पर हाथ रख दिया.!!!"शशष.!!!आवाज मत करना.!"अयंशिका ने चाँद की रौशनी मे अयंशिका ने देखा उस नौजवान को वो और कोई नहीं बल्कि वरदान था वही वरदान की नज़र भी अयंशिका पर पड़ गई..!!!दोनों एकदूसरे की आँखों फिर से वरदान की ग्रे आँखों मे अयंशिका की ब्राउन आँखे डूब गई थी की शेर उनके करीब