इस जन्म के उस पार - 9

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( कहानी को समझने के लिए आगे के भाग अवश्य पढ़े )सब डर जाते है.. एक आदमी जिसने मास्क पहना था.. वो यस्वी को पकड़ उसके गले पर चाकू लगा देता है..इससे वीर की तो मानो सांसे ही अटक गई थी..वीर :- हें. स्टॉप इट.!!क्या चाहिए तुम्हे.? छोड़ो उसे.??नंदिनी आगे बढ़ ने को होती है तो सूर्यांश उसे पीछे खिंच लेता है।सूर्यांश , "देखो उसे छोड़ो क्या चाहिए तुम्हे.??"आदमी बिना कुछ बोले यस्वी को अपने साथ ले जाने लगता है.. वीर :- रुको चाहिए क्या तुम्हे... यस्वी को छोड़ो.!!यस्वी मन मे :- यार ये चिलगोजे का मे क्या करूँ.?? ये