गुल्लक

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#ShortStory  #लघुकथा   || गुल्लक ||   बचपन से हम यही सुनते आए हैं कि भविष्य के लिए बचत करनी चाहिए। सब अलग अलग मशवरा देते हैं। अलग अलग तरीके बताते हैं कि पैसा कैसे संजोया जाता है। एक तरीका जो तकरीबन सब बताते हैं वो हैं गुल्लक। रोहित के साथ भी यही हुआ। उसको भी सब ने सिखाया कि संजोना चहिए, भविष्य के लिए और उसने हामी भी भरी। नौकरी लगते ही, उसने घर की जिम्मेदारी लें ली। सब कुछ निपटने के बाद जो रह जाता वो वह अपने अलमारी में बने लॉकर में रखी गुल्लक में रख देता।