शिवा उपर पेड़ पर देखता है तो उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती हैसाहब.....साहब पेड़ पर सियाराम की लाश लटकी हुई थी,यह देखते ही उसकी सांसें अटक जाती है वह कुछ समझ ही नहीं पा रहा था कि ये इतनी सी देर में कैसे हो गया उसका पूरा शरीर पसीने से भीग गया था।सियाराम की लाश की ऐसी हालत हो गई थी की यकीन करना मुश्किल था,उसके पुरे शरीर पर बहुत सारी कीलें चुभी हुई थी जिनसे खून निचे टपक रहा था, उसकी आंखों की जगह खून ही खून निकल रहा था , जैसे किसी ने उसकी आंखें ही