हवेली - 5

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## 5 ## अजनीश, बैंक पहुँचा पैसे निकालने थे। माँ की चिट्ठी उसे परेशान कर रही थी। अचानक बाबूजी की तबियत खराब होने से अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। बड़े उम्र की लंबी बीमारी के बाद कुछ ही दिन पहले घर लौटे थे। दवाई के खर्चे के साथ-साथ अस्पताल का खर्चा अजनीश को बहुत भारी पड़ रहा था। कोई हाथ बँटाने वाला नहीं था । छोटा भाई जिसने अभी-अभी कॉलेज में पहला साल पूरा किया है पढ़ाई के साथ-साथ छोटे बच्चों की ट्यूशन लेकर अपना ख़र्चा बहुत मुश्किल से जुटा पाता है। करे भी तो क्या करे, नयी नौकरी होने