सौगन्ध - (अन्तिम भाग)

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मेरी बुआ ने,जो मेरे प्रसव के समय वहाँ उपस्थित थी,कन्या को जन्म देने के पश्चात मैं अचेत हो गई और जब सचेत हुई तो मुझे ये दुखभरी सूचना मिली...वसुन्धरा बोली.... तब भूकालेश्वर जी बोले... यदि मैं कहूँ कि वो पुत्री जीवित है तो... परन्तु!ये कैसें हो सकता है मेरी बुआ ने कहा था कि वो तो जन्म लेते ही स्वर्ग सिधार गई थी.... आपने कन्या की सूरत देखी थी,भूकालेश्वर जी ने पूछा... जी!नहीं!वसुन्धरा बोली... तो किसी के मुँख से कही बात पर आपने कैसें विश्वास कर लिया,ऐसा भी तो हो सकता है कि आपके पिताश्री देवनारायण की भाँति उस कन्या