जोग लिखी - 1

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जोग लिखी‘‘बाऊजी आप फिर हुक्का गुड़गुड़ाने लगे कित्ती बार कहा कि जे तोहार सेहत के लिए ठीक ना है। ’’ ‘अरी लाली, तू क्यों मेरे पीछे पड़ी है, अब जे लत आज की तो है ना जो छूट जाए। अब तो हमारे साथ ही जाएगी।’‘‘ बाऊजी हम तो कह-कह के हार गए आपको … जो जी में आये करो, पर तनिक घर को भी देख लिया करों।’’"अब का हम चौका बर्तन करें! ’’ " चौक-बर्तन ना करो…."तो.. का करें तू ही बता दे. .. " ये जो दरवाजे पर गांववालन के साथ हुक्के की बैठक जमाते हो ना उससे अच्छा