विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 25

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विश्वास (भाग -25)"संध्या चलो तुम भी टीना बाबा का आशीर्वाद ले लो", भुवन ने कहा तो संध्या टीना की और बढ़ती उससे पहले ही टीना ने उसे रूकने को कहा, "प्लीज आप वहीं रूको मैंने सिर्फ मजाक किया था, आप दोनो ही मुझसे बड़े हैं"।"टीना जाओ संध्या और उसके पापा को भुवन के साथ घर छोड़ आओ"। भुवन के पापा के कहने पर वो दोनों उनको छोड़ने चले गए। संध्या को दिल्ली आने को कह वो लोग वापिस आ गए। संध्या ने भी मुस्करा कर "जरूर आऊँगी" कहा।"कैसे लगा तुम्हे हमारा गाँव "? भुवन ने टीना से पूछा। "गाँव तो