दिल्ली परिवहन निगम की बस में बैठा सत्यम ना जाने अपनी किस चिंता में मग्न था, पहली बार दिल्ली आया था न तो बहुत सारी चीजों के बारे में जानकारी थी नहीं ।और साथ में कई अलग प्रकार की चिंता उसे अंदर से खाए जा रहीं थीं । दिल्ली की राहों में वो भयंकर ट्रैफिक, अशांत sa माहौल और खूबसूरती... इन्हीं चीजों में खुद को खोया महसूस कर रहा था । कॉलेज पहुँचने में अभी एक घंटे लगने वाले थे तो दिल्ली की इन खूबसूरत सडकें और सड़कों पर दौड़ रही गाड़ियों को निहारते हुए समय व्यतित कर रहा था