दिल है कि मानता नहीं - भाग 7

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अब तक सोनिया की माँ माया को भी इस दुर्घटना की ख़बर मिल चुकी थी और वह अस्पताल की सीढ़ियाँ चढ़ते हुए तेजी से ऊपर आ रही थीं। रोहन ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़ा इंतज़ार कर रहा था। वह कभी अपनी कलाई में बंधी घड़ी को देखता जो बता रही थी कि समय कितना महत्वपूर्ण है। कभी उस लाल बल्ब की ओर देखता जो बता रहा था कि अभी और समय बाकी है; मेरी ड्यूटी अभी ख़त्म नहीं हुई है। इसी बीच माया पर नज़र पड़ते ही रोहन की बेसब्री, उसकी चिंता का बाँध फट पड़ा और उसकी आँखों से तूफ़ान