कैक्टस के जंगल - भाग 3

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3 हौंसलों का सफर लाॅकडाउन का दूसरा चरण शुरू हो गया था। किशन का काम बन्द हुए लगभग एक महीना हो गया था। वह यहां गुड़गांव में एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता था। अपनी पत्नी राजबाला के साथ वह यहां एक किराए का कमरा लेकर रहता था। उसका दो साल का बेटा था। वे लोग देवरिया जिले के रहने वाले थे। तीन साल पहले उसने अपने छोटे भाई रमेश को भी गाँव से यहीं बुला लिया था। वह यहां फलों का ठेला लगाता था। वह भी किशन के पास ही रहता था। गुजर-वसर आराम से हो रही थी। दोनों