वो फटी आँखों से चारों तरफ़ देखने लगा और उसे सामने ही एक गुड़िया दिखी। बालों से बनी एक साधारण सी गुड़िया। लेकिन उसमें भला इतनी ताक़त कहा से आई कि वो घिनु को पछाड़ दे। तभी घिनु के सामने सोमनाथ चट्टोपाध्याय आ खड़े हुए। अब वे मुस्कुरा रहे थे और घिनु इस वक़्त भी ज़मीन पर गिरा अवाक बैठा था। उसकी समझ से सबकुछ परे हो गया था जैसे। उसने तिरछी नज़र से एक बार अखिलेश बर्मन की तरफ देखा तो वे अपनी पत्नी को सीने से चिपकाएं खड़े दिखें। अब उसे सबकुछ दिखने लगा था। लिली,प्रज्ञा की रूह