मुस्कान - एक अधूरी प्रेम कहानी - 13

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दिनेश- ऐ हैप्पी सुनो तो हैप्पी- हां क्या है बोलों दिनेश- घर जाकर तो फ्री रहूंगा दिन भर बात होगी आपसे हैप्पी- नहीं बात तो हम रोज करते हैं पर घर आप कभी कभी ही जाते हो तो अपना सारा टाइम फैमिली के लिए देना दिनेश- चल झूठी ब्लाक करके रखती हो तो कहा दिन भर बात करते हैं हैप्पी- जब भाई के पास मोबाइल होता है तब ब्लॉक कर देती हूं दिनेश- मैंने बोला ना आपके लिए टाइम निकाल लूंगा आप चिंता ना करो हैप्पी- हम्म दिनेश- और साले साहब को बोलो अपना मोबाइल यूज करें मेरे हैप्पी