कहानी का भाग 12 विष्णु और शंकर इस वक्त चंद्रिका के साथ एक घनी झाड़ी में बैठे हुए थे और चंद्रिका समय व्यतीत करने के लिए इन दोनों से अब सवाल करने की बात कर रही थी। विष्णु,,,'' यह तो तुमने बहुत अच्छा कहा ,इसके सवालों के जवाब तो हम आसानी से दे ही देंगे ,पर फिर भी सोच समझकर उत्तर देना भाई ,,वरना हम दोनों पढ़े-लिखे की इज्जत उतर जाएगी,,''' चंद्रिका हंसते हुए और जैसे ही वह हंसी थी, उसकी खनकदार हसी ने इन दोनों के दिलों में अजीब सी सरसराहट पैदा कर दी थी,। शंकर ,,,""अब पूछो भी