मुस्कान - एक अधूरी प्रेम कहानी - 4

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दिनेश- पागल शादी तो जिंदगी का एक अहम हिस्सा है आप ऐसे निराश क्यूं होते होहैप्पी- छोड़ो यार जब किस्मत में होगी तो हो जाएगी नहीं तो ना सही मैं खुश हूंदिनेश- हां कल तो देखने आ रहे हैं ना क्या करता है वह लड़काहैप्पी- मैंने नहीं पूछा, जब से पता चला है रोए जा रही हूंदिनेश- पागल कहीं की ऐसा थोड़ी ना होता है उसे जाने भी नहीं आप उसे जज कर रही हो। कोई फोटो है उसकीहैप्पी- हमारे यहां ऐसा नहीं होता लोग बताते कुछ है होता कुछ और हैंदिनेश- लो और मैडम बिना बात के ही रोए