मुस्कान - एक अधूरी प्रेम कहानी - 1

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हर दिन की तरह आज भी मैं अपने सभी कामों को पूरा करके सोने जा रहा था कि तभी मेरा मोबाइल बज उठा... मैं सोच में पड़ गया कि आखिर यह महान प्राणी कौन है जो रात के 11:00 बजे फोन कर रहा है मैंने मोबाइल उठाया और स्क्रीन पर देखा तो मेरे एक अजीज दोस्त दिनेश दिवाकर का फोन था मेरे चेहरे पर हल्की सी स्माइल आ गई दरअसल जब से मैं कॉलेज के बाद मेडिकल लाइन में घुसा हूं तब से किसी को भी ठीक से टाइम नहीं दे पा रहा था, खैर जिंदगी का शायद यही दस्तूर