सात फेरे हम तेरे - भाग 17

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सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गई थी दोनों। नैना ने कहा दीदी सब सामान ले लिया ना? माया ने कहा हां जो,जो ज़रूरी सामान है सब एक बैग में ले लिया। दोनों ने साड़ी पहनी थी। माया ने कहा नजर ना लगे किसी की।। नैना आज शायद निलेश जहां कहीं भी हो वो जरूर देख रहा होगा। मैं तो निलेश की पेंटिंग को एक सही स्थान पर पहुंचा दिया। माया ने कहा हां चल अब। फिर नीचे पहुंच कर नाश्ता किया और फिर एक बस उन सभी लोगों के लिए था जो जो इस में योगदान किए थे। नैना और