पिछले अध्याय मे हमने पढा की शरीर की प्राण शक्ति का ह्रास असंयमित जीवन जीने से अर्थात इन्द्रियों का दास बनकर जीने से प्राण ऊर्जा का क्षरण होकर मनुष्य संसार मे रोग शोक को प्राप्त होता है । आज हम प्राण ऊर्जा को बढाने वाली साधनाओ मे से एक साधना के बारे मे चर्चा करेंगे । प्राणाकर्षण साधना --- शान्त कक्ष मे सीधे लेट जायें और अपने नेत्र बंद कर लेवे । शरीर पर ढीले वस्त्र हो किसी प्रकार का व्यवधान वस्त्रो की कसावट से न हो । अब अपने आपको विचार शुन्य बनाने का प्रयास करे । बार बार