विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 15

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विश्वास (भाग --15)भुवन ने नं सेव करके उसे फोन दिखाया, टीना ने देखी उसका नं भुवन ने शेरनी(tigeress) के नाम से सेव किया था। उसने इशारे से इसका कारण पूछा तो बिना जवाब दिए मुस्करा कर चला गया। एक मिनट बाद दुबारा आकर उमा जी को बोल कर गया," दादी जिस दिन आपकी ये पोती मुझे फोन करके बुलाएगी उस दिन मैं आऊँगा, अब ये इस पर है कि कितने दिन लगाती है बोलने में, पर मुझे पता है बोलेगी तो जरूर"। भुवन की बात सुन कर टीना को हाँ में सिर हिलाते देख उमा जी बहुत खुश हुई।मन ही