फिर चार बजे तक लखनऊ पहुंच गया।बस स्टैंड पर उतर कर इधर उधर देखने लगा फिर आटो स्टैंड पर जाकर अखबार में छपी उस पते पर जाने के लिए आटो चालक से बात करने लगे। फिर आटो चालक ने हामी भर दी। फिर निलेश गाड़ी में बैठ गया। फिर एक घंटे बाद उस जगह पर पहुंच गया। देखा तो बहुत ही शानदार अपार्टमेंट था।गेट पर खड़े होकर गाॅड का इंतजार करने लगा। एक गाॅड आया और फिर निलेश ने पूछा तो उसने अन्दर जाने से पहले एक रेजिस्टर पर साइन किया और फिर अन्दर पहुंच गए। इतने बड़े बड़े इमारतों