अभय ने केतकी की हमशक्ल को देखने की बात,अपने मम्मी पापा व दामिनी को बताई सभी का दिमाग सोचने पर मजबूर हो गया । सभी अपने अपने तर्क देने लगे । कस्तुरी' अभय की मम्मी ने कहा ..हमशक्ल भी हो सकती है । हमारे यहां केतकी तो खुश थी , वह ऐसा क्यों करेगी ? कोई अपनी बसी बसाई गृहस्थी को खराब करेगा क्या ? अभय का पापा बोला .. कस्तुरी ! हमारे बेटे का तो घर बस गया , छोटी सी फूल सी पोती है हमें क्या ? वह केतकी है या हमशक्ल ? फिर अगले ही पल अभय