मुक्ति - अनचाहे सम्बन्ध से - 3 - अंतिम भाग

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पर उसे जाना पड़ा।वह बीच बचाव करने के लिए गया था।जब झगड़ा ज्यादा होता तब मोहन नाराज होकर घर से चला जाता और फिर कई दिनों तक लौटकर नही आता।ऐसे ही एक रात को झगड़ा होने पर मोहन गुस्सा होकर चला गया।वह उसे समझाने लगा।और उसके समझाने पर वह उसके कंधे पर सिर रखकर सुबकने लगी।वह उसके गालो को सहलाने लगा।पहली बार कोई औरत उससे इतनी सटी हुई थी।उसकी रगों में दौड़ रहा खून गर्म हो गया।और वह अपने पर काबू नही रख सका।उसने उसे बिस्तर में दबोच लिया।उसने उसका कोई विरोध नही किया।और वह उसके शरीर पर छाता चला