कमरे में उजाला होते ही सभी की नजर सामने खड़ी रानी मां पर गयी। उनके पीछे पुलिस इंस्पेक्टर के साथ कुछ और पुलिस वाले भी खड़े दिखे।रानी मां के बगल में खड़े शांतनु के पिता ने सिर झुका रखा था। उन सभी को यों अचानक अपने सामने देख शांतनु घबरा उठा। उसने पहले पलट कर मनोहर और फिर वकील साहब को देखा।रानी मां की आवाज गूंजी, “मनोहर और वकील साहब की तरफ मत देखो शांतनु। आज भी वे मेरे लिए ही काम करते हैं। वे बस तुम्हारे साथ होने का नाटक कर रहे थे। कुछ लोग और कुछ रिश्ते आज