अभय अपनी यूनिट से छुट्टी पर आ रहा है । ट्रेन में एक युवती को देखकर अभय ने केतकी का नाम लेकर उसे पुकारा .. वह युवती अभय को देखने लगी और उसने अपने पीछे मुड़कर देखा ..उसे लग रहा था यह व्यक्ति उसे नही किसी ओर को पुकार रहा है । लेकिन अभय उसे ही देखे जा रहा है ..वह युवती गंभीर होकर ..ए मिस्टर ! आप ! मुझे कुछ कह रहे हो ? मेरा नाम केतकी नही है, समझे । अभय बड़बड़ाकर अगल बगल झांकते हुए बोला ..यह कैसे संभव है ? अभय समझ गया था यह केतकी