दामिनी अपने पति अभय के साथ सीकर में आने के बाद अभय के परिवार वालों को समझने का प्रयास कर रही है । वह जानती है केतकी के स्थान पर उसे देखकर घरवाले उसे पचा नही पा रहे हैं । अभय का पापा खुश है वह रात में भी खुशी के कारण जागता ही रहा । अपने रूम के कुंदी लगाकर नोट गिनता रहा । वह सोच रहा था कि इन्हे कहां लगाए । संभवतः अभय के पापा ने इतने नोट देखे नही थे । अपनी पत्नी कस्तुरी से बोला ..अपने इस मकान को शान्तकर एक नया मकान बनवा दूं