सौगन्ध--भाग(१२)

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सभी मंदिर की ओर आएं एवं वहाँ से वें सभी भूकालेश्वर जी के निवासस्थान पहुँचें एवं मनोज्ञा से मिलें,इसके उपरान्त रानी वसुन्धरा ने मनोज्ञा से अपने पुत्र बसन्तवीर के कहें वाक्यों को कहा,जिसे सुनकर मनोज्ञा अत्यधिक क्रोधित होकर बोली.... राजमाता!आपने ऐसे संस्कार दिए हैं अपने पुत्र को.... मुझे नहीं ज्ञात था पुत्री कि मेरा पुत्र ऐसा निकलेगा,कदाचित मेरे पालन पोषण में ही कोई कमी रह गई थी ,तभी तो वो ऐसा निकला,वसुन्धरा बोली.... तब लाभशंकर मनोज्ञा से बोला... मनोज्ञा!राजमाता से कुछ भी कहना व्यर्थ है,ऐसी बातों से उन्हें और कष्ट मत पहुँचाओ,वें पहले से ही अत्यधिक व्यथित हैं.... लाभशंकर की