सेहरा में मैं और तू - 20

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( 20 )एकांत में बने उस शानदार बंगले में प्रवेश करते ही श्रीकांत, कबीर और रोहन की तबीयत जैसे बाग- बाग हो गई। इस सज्जित आवास में केवल कुछ गिने- चुने कर्मचारी ही दिखाई दे रहे थे।इसका चौरानवे वर्षीय मालिक पीछे की ओर बने अपने कक्ष में था। बाहर लॉन के इर्द- गिर्द कुछ बेहद खूबसूरत पंछियों और अद्भुत दुर्लभ प्रजातियों के जानवर अपने एक से एक आकर्षक पिंजरों में बंद थे। कुछ एक छोटे जीव हरे भरे बगीचे में भी टहल रहे थे।किसी रोबोट की तरह कर्मचारियों का इधर- उधर आना जाना था। एक नीरव सन्नाटा चारों ओर पसरा