छी छी छी...इतना तंदुरुस्त पौने छः फिट का जवान मर्द और इस तरह रोना?? वो भी प्रशिक्षक होकर।रात को किसी तरह छिप- छिपा कर चमड़ी के रोग के कारण अकेला अपने कमरे में रह रहा वह ट्रेनी लड़का जब छोटे साहब के कमरे में पहुंचा तो उसे साहब को इस तरह रोते देख कर भारी हैरानी हुई।आज उसमें गज़ब की हिम्मत आ गई। आज उसे इस बात का डर भी नहीं लगा कि अगर अभी दूसरे ट्रेनर साहब राउंड पर आ गए तो इतनी रात को उसे यहां देख कर क्या सोचेंगे? हो सकता है कि उसे ट्रेनिंग से ही