केशला घाट में पुलिस का कड़ा पहरा था। घाट के दोनों छोर में पुलिस का बेरियर लगा दिया गया था। हर आने जाने वाले वाहनों की तलाशी ली जा रही थी। एसपी अजित मेनन के साथ सुजॉय घोष,भैरव पहाड़ पहुँचा। बेरियर में उसने आने जाने वाली गाड़ियों की लिस्ट खंगाली। लेकिन उसे कहीं भी,एम्बुलेंस की एंट्री नही दिखी। उसने पास खड़े हुए सिपाही से पूछा - इस घाटी को पार करने का कोई दूसरा रास्ता है क्या? सिपाही ने न में उतर देते हुए कहा - सर, फोर व्हीलर तो छोड़िये,बाइक तक,इसके अलावा कहीं से पार नहीं हो सकती है।