रात का समय.... रूपिका का घर...... चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा है, हर तरफ इतना अंधेरा कि कुछ भी दिखाई देना नामुमकिन सा है वही रूपिका सीढियो से उतरकर नीचे की तरफ आती है उसनें हाथ में मोबाइल पकड़ा है जिसकी टॉर्च ऑन है रूपिका इतना अंधेरा देख कर थोड़ी घबराई हुई है । " अचानक लाइट कैसे चली गयी,,,,माधवी आंटी भी चली गयी है,,,, और यहां हॉल से भी पता नहीं कैसी आवाज आ रही है,,,,,," रूपिका ने सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए खुद से कहा । वो हॉल में आती है और जनरेटर वाले रूम की तरफ बढती