डॉ. रसबाला असमंजस में पड़ गईं। उनके इक्कीस साल के कैरियर में अब तक ऐसा कोई केस नहीं आया था। न भारत में, और न ही जमैका में, जहां उनके पति की पोस्टिंग के कारण उन्होंने सात साल रह कर प्रैक्टिस की थी। उन्होंने किसी भी पेशेंट को डील करने में अब तक एक सिटिंग में पौने चार घंटे कभी नहीं लिए थे। और अब, इस सुदर्शन से युवक के साथ चार घंटे अकेले में बिता लेने के बाद उनकी उलझन ये थी कि इसे "रोगी" मानें या नहीं। ...नो, ही इज़ नॉट ए पेशेंट, ही कांट बी! मरीज़ से