हीर रांझा की एक अधूरी प्रेम कहानी - 6

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"हीर रांझा से कहने लगी, ‘मैंने ना तो तुम्हें पीटा और ना ही कुछ ऐसा कहा जो तुमको बुरा लगे’रांझा ने जवाब दिया, ‘यह दुनिया एक सपने की तरह है। ऐ खुद पर नाज पर करने वाली शहजादी, तुमको भी एक दिन यहां से जाना है। तुमको किसी अजनबी से ऐसा सुलूक नहीं करना चाहिए। किसी गरीब को नहीं दुत्कारना चाहिए। ये लो तुम्हारा बिस्तर और गद्दा, मैं जा रहा हूं…फिर कभी नहीं दिखूंगा।’रांझा ने इतना कहा ही था कि हीर बोल पड़ी, ‘अब ये हीर तुम्हारी है। मैं अपनों के बीच भटक रही थी लेकिन मुझे कोई रास्ता दिखाने