कामवाली बाई - भाग(१५)

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गार्गी बोली.... उस रात शिवाली मेरी छोटी बहन त्रिशा की बर्थडे पार्टी में आई थी,खाना भी शिवाली ने आँर्डर किया था और इसी ने उन दोनों डिलावरी ब्वाँय को पेमेंट भी किया था, फिर क्या हुआ?पूनम बोली।। फिर शिवाली ने उस खाने और केक में बेहोशी की दवा मिलाई,हम दोनों ने सबको वो खाना और केक खिलाया लेकिन हमने नहीं खाया,उस दिन मेरे पापा भी घर आएं थे,उनका एक पुराना प्लाट पड़ा था जो उन्होंने बेचा थ,उसके उन्हें पच्चीस लाख रूपए मिले थे,वो रुपयों से भरा बैग भी लाएं थे,गार्गी बोली।। घर की तलाशी में पुलिस को वो बैग क्यों