सभी के जाने के बाद आकाश ने हिती की तरफ नजरे उठाकर देखा, और उसके पास आकर वहां पडी चेयर पर बैठ गया । " क्या किया तुमने यह सब,? क्या मिला तुम्हें यह सब करके, मेरे प्यार का तुमने यह सिला क्यो दिया आकाश? तुम गौरी के पास कैसे जा सकते है,,? तुम तो मुझसे प्यार.........!!!! हिती इससे आगे कुछ कहती आकाश ने उसे टोकते हुए सख्त लहजे से कहा-: सुनो हिती मेैं तुम्हें पहले भी कह चुका हू, अभी दोबारा कह रहा हूं,,, मै तुमसे प्यार नही करता हू,, तुम सिर्फ मेरी अच्छी दोस्त रही हो हमेशा से,,,!!