मुरारी से मिलने से पहले तो हुस्ना ने सोचा था कि पहले वो युद्ववीर के बेटे को खतम करेगी,,जिससे कि युद्ववीर जिन्दगी से थोड़ा हताश हो जाएं,क्योंकि अब उसके पास केवल उसका छोटा बेटा ही बचा है सहारे के लिए और अगर उसने विलास सिंह को खतम कर दिया तो युद्ववीर सिंह को भी भीतरी चोट लगेगी जिससे कि वो टूट जाएगा और हुस्ना इसी ताक में ना जाने कब से थी, होली का त्यौहार आया और युद्ववीर की पार्टी के सदस्यों ने उनसे होली पार्टी की फरमाइश रखी ,बोलें इस होली पर पर तो ऐसा जलसा होना चाहिए कि